Mukhyamantri Kanyadan Yojana: पुराने समय में समाज में लड़कियों को बोझ समझा जाता था. लोग मानते थे कि केवल बेटा ही वंश को आगे बढ़ा सकता है और बेटा ही परिवार का सहारा बनेगा. इस सोच की वजह से बेटियों को वह सम्मान और अधिकार नहीं मिल पाते थे, जो मिलना चाहिए. हालांकि समय के साथ समाज में बदलाव आया है. अब लड़के और लड़कियों को बराबरी का दर्जा दिया जा रहा है. लेकिन फिर भी देश के कुछ हिस्सों में बेटियों को आज भी वह हक और सम्मान नहीं मिल पा रहा है, जिसके वह हकदार हैं.
बेटियों के उत्थान के लिए सरकार चला रही है कई योजनाएं
लड़कियों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं शुरू करती रहती है. इन योजनाओं का मकसद बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक सहायता देना होता है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन में आगे बढ़ सकें. ऐसी ही एक योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई है. जिसका नाम है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना. यह योजना उन गरीब परिवारों की बेटियों के लिए शुरू की गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपनी बेटियों की शादी के लिए परेशान रहते हैं.
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना क्या है?
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित किया जाता है. योजना के तहत लड़कियों की शादी के समय सरकार द्वारा 31 हजार रुपए से लेकर 51 हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है. यह पैसा सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है.
शिक्षा के अनुसार मिलती है आर्थिक सहायता
इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि लड़की की शिक्षा पर निर्भर करती है. यदि कोई लड़की 10वीं कक्षा पास करती है तो उसे शादी के समय सरकार 41 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देती है. वहीं अगर लड़की स्नातक (ग्रेजुएशन) पास कर चुकी है तो उसे 51 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है. इससे बेटियों को पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहन मिलता है और शादी के समय भी परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता.
योजना के लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
इस योजना का लाभ सिर्फ राजस्थान के मूल निवासियों को ही दिया जाता है. योजना का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देना है. योजना का लाभ निम्नलिखित वर्गों की कन्याओं को दिया जाता है:
- अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के बीपीएल परिवारों की बेटियों को.
- अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को.
- अंत्योदय और आस्था कार्डधारी परिवारों की कन्याओं को.
- आर्थिक रूप से कमजोर विधवा महिलाओं की बेटियों को.
- विशेष योग्यजन (दिव्यांग) व्यक्तियों की बेटियों को.
- पालनहार योजना से लाभान्वित कन्याओं को.
- राज्य स्तरीय महिला खिलाड़ियों को भी योजना का लाभ मिलता है.
योजना में यह भी शर्त है कि इसका लाभ परिवार में सिर्फ दो बेटियों के विवाह तक ही सीमित है और लाभ लेने के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए. साथ ही परिवार की सालाना आय 2.50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है, जो इस प्रकार हैं:
- आवेदक और कन्या का आधार कार्ड
- जन आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- बीपीएल कार्ड, अंत्योदय प्रमाण पत्र या आस्था कार्ड
- विकलांग प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- राज्य स्तरीय खिलाड़ी प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- कन्या का विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- वर और वधू की पासपोर्ट साइज फोटो
योजना में आवेदन कैसे करें?
इस योजना का आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. योजना के लिए राजस्थान सरकार के एसएसओ पोर्टल पर आवेदन किया जाता है. आवेदन करने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:
- सबसे पहले अभ्यर्थी को एसएसओ पोर्टल (SSO Portal) पर लॉगिन करना होगा.
- लॉगिन करने के बाद SJMS SMS सेक्शन में जाकर ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ के लिंक पर क्लिक करना होगा.
- अब आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरनी होगी.
- सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे.
- वर और वधू दोनों की सही जानकारी फॉर्म में भरनी होगी.
- आवेदन को ओटीपी या फिंगरप्रिंट से वेरीफाई करना होगा.
- इसके बाद फॉर्म को फाइनल सबमिट करना होगा.
योजना का उद्देश्य और फायदा
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का उद्देश्य राजस्थान की गरीब और जरूरतमंद बेटियों की शादी में आर्थिक मदद करना है. इससे ना सिर्फ बेटियों को सम्मानजनक जीवन मिल रहा है बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच भी बढ़ रही है. यह योजना बेटियों को पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहित करती है क्योंकि जितनी ज्यादा पढ़ाई, उतनी अधिक सहायता राशि दी जाती है.
इस योजना से सरकार का उद्देश्य समाज में बेटियों की स्थिति मजबूत करना और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना है. इस योजना से अब गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक तंगी नहीं आती और परिवारों को राहत मिलती है.